रुद्रपुर में लगातार दो बार से बीजेपी के प्रत्याशी बाजी मार रहे हैं दोनों बार चुनाव के मुद्दे लगभग एक ही रहे हैं यही नहीं कांग्रेस के राज में भी मुद्दे कुछ ऐसे ही गहराए थे जिसका झुनझुना बजा सत्ता हासिल होती रही अब यही पुराने मुद्दे नई गद्दी के लिए अहम साबित होंगे

करीब एक लाख वोटर से अधिक इससे प्रभावित हैं इसमें नजूल भूमि पर मालिकाना हक और बंगाली समुदाय के लोगों के प्रमाण-पत्रों में से पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाना प्रमुख है विधानसभा चुनाव 2022 में इस बार किसके सिर ताज सजेगा इसे लेकर बहुत सारे कयास लगाए जा रहे हैं रुद्रपुर विधानसभा के विधायक राजकुमार ठुकराल दो बार से लगातार भाजपा से विधायक बन रहे हैं

इस बार हैट्रिक की दौड़ में उनका नाम पहले स्थान पर है मतदाताओं को लुभाने के लिए और नजूल अध्यादेश लाने का दावा ठोकने वाले विधायक ने संकल्प लिया था कि नजूल पर निर्णय नहीं आती है तो वह इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे आपको बता दे विधानसभा में 191391 मतदाता हैं इसमेें सबसे अधिक करीब 90 हजार मतदाता पूर्वांचली है

इसके बाद दूसरे स्थान पर बंगाली समुदाय के लोग हैं चुनाव लडऩे के दौरान लोगों को कई वायदे विभिन्न दल करते हैं रुद्रपुर की प्रमुख समस्या नजूल भूमि पर मालिकाना हक का था पुराना मुद्दा पिछले लंबे समय से उठता आ रहा है अब इसी मुद्दे पर आध्यादेश आने के बाद विधायक ठुकराल का पौवा भारी हो गया है इसके अलावा बंगाली मतदाताओं को साधने के लिए पूर्वी पाकिस्तान शब्द भी इसी सरकार ने हटाया है

ऐसे में यही पुराने मुद्दे नई सरकार बनाने में अपना अहम योगदान दे सकती है फिलहाल रुद्रपुर से एक ही पार्टी के दो दिग्गज आमने सामने हैं दोनों ही इन पुराने मुद्दों को अपनी बता कर मतदाताओं को भविष्य में विकास के सुनहरे सपने दिखा रहे हैं विधानसभा रुद्रपुर में कांग्रेस और बीजेपी की लड़ाई है

कुछ अन्य पार्टियां भी दंभ भर रही हैं टिकट की घोषणा होने के बाद मजबूत दावेदारों के बीच भी ऊथल-पुथल होना तय है इसका लाभ दोनों ही पार्टियों को मिलेगा
