रुद्रपुर विधानसभा सीट पारंपरिक रूप से भाजपा की मानी जाती रही है लेकिन इस बार इस सीट से पार्टी के दो प्रमुख चेहरों शिव अरोरा और राजकुमार ठुकराल के आमने-सामने आने से भाजपा संगठन बेचैन है यदि दोनों प्रत्याशी चुनावी मैदान में बने रहे तो इसका फायदा कांग्रेस या फिर दूसरी प्रतिद्वंद्वी पार्टियों को मिलने की संभावना बन सकती है

इससे ठुकराल को मनाने के लिए भाजपा संगठन और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों की ठुकराल के साथ वार्ता करने की चर्चाएं हो रही हैं रुद्रपुर विधानसभा सीट से राजकुमार ठुकराल लगातार दो बार विधायक बन चुके हैं इस बार ठुकराल का टिकट काटकर भाजपा जिलाध्यक्ष शिव अरोरा को रुद्रपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है विधायक ने भी शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी शिव अरोरा के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना भी नामांकन करा दिया

दोनों ही प्रत्याशियों की हिंदूवादी छवि होने के कारण भाजपा के कैडर वोट के बंटने की आशंका से भाजपा संगठन में बेचैनी बढ़ गई है अरोरा शुरू से ही आरएसएस से जुड़े हुए हैं जबकि ठुकराल तराई में प्रमुख हिंदूवादी नेता के रूप में पहचान रखते हैं वही शुक्रवार को रुद्रपुर सीट के लिए नामांकन के दौरान अरोरा और ठुकराल दोनों की भगवा रंग में रंगे हुए नजर आए नामांकन के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए दोनों ही प्रत्याशियों ने क्षेत्र के विकास के साथ ही हिंदुत्व की रक्षा को अपना प्रमुख मुद्दा बताया हालांकि अरोरा ने दावा किया है

कि नाराज ठुकराल को शीघ्र मना लिया जाएगा सूत्रों के मुताबिक विधायक राजकुमार ठुकराल को मनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उनसे वार्ता की है इसके साथ ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समेत भाजपा संगठन व आरएसएस के दिग्गज नाम वापसी के लिए ठुकराल को मनाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन टिकट कटने से आहत ठुकराल के तेवरों को देखते हुए अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी है
