हाई कोर्ट ने हरिद्वार में 2010 में हुए पुस्तकालय घोटाले के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने मदन कौशिक व ग्रामीण विकास विभाग के अधिशासी अभियंता रामजी लाल को नोटिस जारी कर 20 अप्रैल तक जवाब पेश करने को कहा है

अगली सुनवाई को 20 अप्रैल की तिथि नियत की है देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2010 में तत्कालीन विधायक मदन कौशिक ने अपनी विधायक निधि से करीब डेढ़ करोड़ की लागत से 16 पुस्तकालय बनाने के लिए पैसा आवंटित किया था पुस्तकालय बनाने के लिए भूमि पूजन से लेकर उद्घाटन तक का फाइनल पेमेंट कर दी गई

लेकिन आज तक धरातल पर किसी भी पुस्तकालय का निर्माण नहीं किया गया इससे स्पष्ट होता है कि विधायक निधि के नाम पर विधायक ने तत्कालीन जिलाधिकारी मुख्य विकास अधिकारी समेत ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ मिलकर बड़ा घोटाला किया गया याचिकाकर्ता का कहना है कि पुस्तकालय निर्माण का जिम्मा ग्रामीण अभियंत्रण सर्विसेस को दिया गया

और विभाग के अधिशासी अभियंता के फाइनल निरीक्षण और सीडीओ की संस्तुति के बाद काम की फाइनल पेमेंट की गई जिससे स्पष्ट होता है कि अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा घोटाला हुआ है लिहाजा पुस्तकालय के नाम पर हुए इस घोटाले की सीबीआई जांच करवाई जाए
