आज पूरे प्रदेश में गदरपुर विधानसभा का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है इतना ही नही आसपास के प्रदेश की जनता भले उत्तर प्रदेश की बात की जाए दिल्ली या पंजाब की यहां के लोग आज टूरिस्ट् के रूप में गदरपुर विधानसभा क्षेत्र के गूलरभोज डैम पर घूमने आते है ज्ञात हो गूलरभोज बोर्ड जलाशय को पर्यटक स्थल की बड़ी उपलब्धि के रूप में शामिल किया

यह पर्यटक स्थल देखते ही देखते हैं इतना बड़ा बनता गया कि यहां क्षेत्रीय ही नहीं बल्कि आसपास के प्रदेशों के लोग भी वोटिंग करने के लिए पहुँचने लगे साथ ही जल क्रीड़ा को भी बढ़ावा मिला इस बोर जलाशय को डेस्टिनेशन बनने से जनता के सपने साकार होते नजर आए वही दूसरी ओर यहां की जनता का कहना है पर्यटक स्थल घोषित होने के पश्चात यहां के छोटे छोटे दुकानदारों और ठेली फड़ जैसे फास्ट फूड राजमा चावल के लघु उद्योग करके यहां की जनता को रोजगार मिला परन्तु प्रदेश की भाजपा सरकार अब इस डेस्टिनेशन का गला घोटती नजर आ रही है

जी हां प्रदेश की भाजपा सरकार व मत्स्य मंत्री द्वारा सालों की मेहनत पर पानी फेरते हुए बोर जलाशय में मत्स्य पालन का ठेका दे दिया है इस विषय पर जब गूलरभोज की जनता से बात की गई तो पता चला कि भाजपा सरकार यहां की जनता से सौतेला व्यवहार कर रही है क्षेत्रीय जनता का कहना है अगर अब यहां मत्स्य पालन का काम हुआ तो टूरिस्ट् यहां नही आएंगे ओर यहां की जनता फिर बेरोजगारी के दलदल में धसती जाएगी क्षेत्रीय जनता ने प्रदेश सरकार से अपने फैसले को वापिस लेने की बात कही है हालांकि इस विषय पर सरकार निष्क्रिय दिखाई दे रही है

परंतु अगर मत्स्य पालन का ठेका इस बार जलाशय में चलाया गया तो पर्यटक स्थल की उपलब्धि तो समाप्त होगी ही साथ ही यहां के छोटे छोटे दुकानदारों व क्षेत्रीय जनता का हनन होना भी तय है जनता का कहना है अगर यहां मत्स्य पालन का ठेका दिया जाता है तो यहां की जनता प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन करने को बाध्य होगी वही यह आंदोलन की चिंगारी आने वाले समय मे भाजपा सरकार के लिए घातक साबित होगी
