कई राज्यों में मार्च मध्य से जारी ग्रीष्म लहर के कारण बढ़ी मांग और इसी बीच पैदा हुई कोयले की किल्लत से बिजली की कमी हो गई है इस कारण सात राज्य घंटों बिजली कटौती करने पर मजबूर हो गए हैं हर साल गर्मी के सीजन में देश में बिजली की मांग चरम पर होती है लेकिन कोयले की कमी के कारण कई राज्यों में संकट गहरा गया है

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश राजस्थान आंध्र प्रदेश गोवा व कर्नाटक में मध्य मार्च से ही गर्मी बढ़ गई थी इस कारण इन राज्यों में बिजली की मांग एकदम बढ़ गई ऐसे में इन राज्यों को उद्योगों व कृषि क्षेत्र के लिए बिजली आपूर्ति का कार्यक्रम नए सिरे से निर्धारित करना पड़ा इन्हें कई घंटों कटौती भी करना पड़ रही है माना जा रहा है

कि अगले कुछ दिनों में देश के कुछ राज्यों को गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा आपको बता दे आमतौर पर कोयला संयंत्रों को पूर्ण क्षमता से चलाने के लिए 26 दिन का स्टॉक जरूरी है लेकिन कोयले की प्रचूरता वाले राज्यों को छोड़कर अन्य राज्यों में भारी किल्लत हो गई राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो यह 36 फीसदी रह गया कोयला बहुत राज्यों में ओडिशा झारखंड व छत्तीसगढ़ शामिल हैं

बंगाल में कोयले का स्टॉक सामान्य से 1 से 5 फीसदी राजस्थान में 1 से 25 फीसदी यूपी में 14 से 21 फीसदी व मप्र में 6 से 13 फीसदी रह गया देश में राष्ट्रीय औसत स्टॉक भी पिछले सप्ताह सामान्य स्तर से दो फीसदी कम होकर 36 फीसदी रह गया देश में पीक अवर में बिजली की फिलहाल कुल मांग 1,88,576 मेगावाट की बताई जा रही है इसमें 3,002 मेगावाट की ही कमी बताई जा रही है यही कारण है कि राज्य केंद्र से अतिरिक्त बिजली मांग रहे हैं
