विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा संचालित टीचर लर्निंग सेंटर गदरपुर में एक पुस्तक मेले और पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया कार्यक्रम का उद्देश्य जिले के सरकारी स्कूलों में अध्यापनरत सभी शिक्षकों व बच्चों में पुस्तक संस्कृति विकास करना रहा जिले भर से आये शिक्षकों व बच्चों ने मेले में किताबों को पढ़ने का आनंद लिया

और किताबों पर चर्चा की शिक्षकों ने स्वयं द्वारा पढ़ी गयी किताबों पर सभी के साथ अपने अनुभव बाटे अज़ीम प्रेमजी स्कूल प्राचार्य नवनीत बेदार ने बताया कि संस्था देश में संवैधानिक मूल्यों समतामूलक व न्यायपूर्ण समाज के स्थापना के लिए काम करती है जो कि शिक्षा के जरिये ही सम्भव है उन्होनें कहा कि ऐसे समाज की परिकल्पना में शिक्षक की एक अहम भूमिका है इसलिए संस्था समय समय पर शिक्षकों के पेशेवर विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती है जिनमें शिक्षकों की स्वैच्छिक भागीदारी रहती है

मुख्य वक्ता के तौर प्रोफेसर डॉ. शम्भू दत्त पाण्डेय ‘शैलेय’ ने उपभोक्तावाद उससे उपजी परिस्थितियों पर विस्तार से बात करते हुए कहा कि इसके लिए शिक्षा में बदलाव की आवश्यकता होगी और इस बदलाव में शिक्षक का बड़ी भूमिका है पुस्तकें जीवन में बदलाव लाती है साहित्य की सीमा नहीं है इसे वृहद स्तर पर देखने की जरूरत है पुस्तकें हमें भीतर की दुनिया से भी परिचित कराती है उन्होंने स्कूल व समाज में पढ़ने लिखने की संस्कृति विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया और पठन-पाठन पर अपने विचार व अनुभव साझा किये गदरपुर ब्लॉक से अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के सदस्य राज कुमार रुपाली सुनीता आदित्य दीपिका ने बताया कि बच्चों की पुस्तकें पढ़ने के प्रति प्रेरित करने के लिए जरूरी है


कि शिक्षक व अभिभावक स्वयं भी किताबें पढ़ना शुरू करें बुक ट्री संस्थान रुद्रपुर से नवीन चिलाना ने इस अवसर पर बुक स्टॉल लगाया जिसमें बच्चों और बड़ों ने किताबें पढ़ी और अपनी पसंद की किताबें खरीदी कार्यक्रम के अंत में कर्यक्रम में शामिल सभी शिक्षकों व बच्चों को पुस्तकें भी वितरित भी की गई कार्यकम के आयोजन में शिक्षक राकेश चौहान रघुवेन्द्र सिंह बृजेश दुबे सुरेश प्रजापति डॉ रणवीर सिंह व अमरजीत बजाज की अग्रणी भूमिका रही कार्यक्रम में डॉ मधुकेश गुप्ता हरीश भट्ट अंकुर अरोरा सभासद गौरव बत्रा संजीव झाम और अभिमन्यु वाजपेयी मौजूद रहे
