गदरपुर की राजनीति आज इतनी गिर चुकी है कि किसी भी काम के श्रेय लेने की होड़ नगर वासियो के लिए सिर का दर्द बन जाती है नगर में एक संगठन द्वारा व्यापारियों की सुविधा के लिए परिवहन विभाग से लंबे समय से गदरपुर से दिल्ली के लिए रोडवेज बस की मांग की जा रही थी और कही ना कही यह बस व्यापारियों की सेवा के लिए मंजूर भी हो गई और साथ ही सोशल मीडिया पर बधाई संदेश भी आने लगे सोशल मीडिया पर गदरपुर से दिल्ली की इस बस की शुरुआत को लेकर यह संदेश व्यापारियों तक पहुँचा की 13 मई दिन शुक्रवार रात्रि एव 14 मई दिन शनिवार प्रातः 5 बजे इस बस की पहली शुरवात हो रही थी परंतु शुरुआत होने से पहले ही इस बस को लेकर भी राजनीति शुरू हो गई नगर में है राजनीति चर्चा का विषय बनी हुई है नगर के कुछ व्यापारियों का कहना है राजनीति के चलते इस बस को प्रारंभ नहीं होने दिया गया वहीं कुछ व्यापारियों ने एक बस के रुकावट को भविष्य में होने वाले नगर पालिका के चुनाव के मद्देनजर देखा व्यापारियों का कहना है कुछ लोग आने वाले चुनाव में चेयरमैन पद के लिए तैयारी करने में लगे हुए है और तो ओर वर्तमान की प्रदेश सरकार में ऊंची पहुच भी रखते है कुछ दिन पूर्व प्रदेश के परिवहन मंत्री भी नगर के एक बड़े व्यापारी के प्रतिष्ठान पर आए थे जहां से एक बस को लेकर राजनीति शुरू हो गई और श्रेय लेने की होड़ में आज इस बस को रुकवा दिया गया आखिर बात बिकता क्या है इस विषय पर तो कुछ नहीं कहा जा सकता परंतु कहीं ना कहीं राजनीति का यह स्तर और श्रेय लेने की यह होड़ व्यापारियों के हित मे नही है वही एक संगठन के महामंत्री द्वारा भी बड़े-बड़े नंबरों को साथ में देकर यह संदेश दिया गया कि शुक्रवार रात्रि से रोडवेज की सेवा प्रारंभ कर दी जाएगी और उनके इस संदेश पर व्यापारियों ने बधाई संदेश भी देने शुरू कर दिए परंतु एक प्रकार से परिवहन विभाग के वाहन चालक का नंबर सार्वजनिक करना एवं श्रेय लेने की होड़ में अन्य नंबरों का सार्वजनिक करना कहीं ना कहीं व्यापारियों के लिए हास्य पद का कारण बनती नजर आ रही है कुछ व्यापारियों कहना तो यह भी है श्रेय लेने की होड़ में राजनीति इतनी निम्न स्तर पर जाकर पहुंची है कि महामंत्री जैसे पद पर बैठकर व्यापारियों के साथ ऐसा मजाक जैसे परिवहन विभाग से सारा कार्य महामंत्री के आदेशों पर चलकर हुआ हो आने वाले समय में यह राजनीति किस हद तक और गिरेगी यह तो भविष्य के गर्भ में कैद है
